
1964 में एक प्रकार के कैंसर से ग्रस्त कोशिकाओं के अध्ययन के समय वैज्ञानिकों ने पाया कि उक्त कैंसरग्रस्त कोशिका समूह से एक अकेली कोशिका को अलग करना सम्भव है । अलग व अकेली होने के बाद भी ''उक्त-कोशिका '' का चरित्र एवं प्रकृति नही बदलती । उसमें अपनी जैसी अन्य विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं को उत्पन्न करने की क्षमता भी होती हैयहीं से उपरोक्त प्रकार की कोशिकों का स्वतन्त्र एव गहन अध्ययन का क्रम आरंभ हो गया...
